"सिर्फ 19 साल की थी वो... एक मासूम सी लड़की, जिसकी दुनिया अभी ठीक से शुरू भी नहीं हुई थी, उसे सौंप दिया गया एक ऐसे आदमी के हाथों जिसे लोग 'मौत का देवता' कहते हैं — क्रूर, रहस्यमयी, और खौफनाक। वो एक ऐसा घर था जहाँ मर्दों की निगाहों में औरतों की कोई जगह नहीं थी। जहां औरत होना ही एक गुनाह था। उस हवेली की दीवारों में रुतबा था, मगर रहम नहीं। हर चेहरा सख्त था, हर नजर तिरस्कार से भरी हुई। और उसी के बीच, वो नाज़ुक सी लड़की अपने डर, अपने आँसुओं और अपने सपनों के साथ आई थी उस घर में... एक पराई दुनिया में। क्या उसके नन्हे कदमों में इतनी हिम्मत होगी कि वो नफरतों की उस दीवार को तोड़ सके? क्या वो उस 'मौत के देवता' के पत्थर जैसे दिल तक पहुँच पाएगी? ये कहानी है एक नाजुक फूल की, जो काँटों के बीच भी मुस्कुराना सीख गया। यह सफर है एक लड़की का, जो एक भयानक किस्मत को मोहब्बत में बदलने निकली है।" • 🔞🔞

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