
निशा ने जब खुद को दूसरे रूम की बालकनी पर पाया, तो उसकी धड़कन तेज हो गई। उसे यह समझ में आ गया था कि वह एक बार फिर एक खतरनाक स्थिति में है और उसे जल्दी से निर्णय लेना होगा। नीचे की तरफ देखने पर उसे सड़क पर लोग इकट्ठा होते हुए नजर आए, लेकिन किसी ने भी उसे ऊपर नहीं देखा था। उसने महसूस किया कि अब उसके पास समय बहुत कम है।
वह अपने इर्द-गिर्द देखती है और यह सोचने लगती है कि उसे यहाँ से भागने का एक और तरीका खोजना होगा। तभी उसकी नजर सामने वाले रूम की खिड़की पर पड़ी। वह रूम थोड़ा सा खुला हुआ था। उसने गहराई से सांस ली और अपनी सारी ताकत लगाते हुए, उस रूम की ओर कूदने की योजना बनाई।

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